शास्त्री नगर का फर्जी अप टू डेट सरकार के डीएवीपी को भी लगा रहा चूना, अखबार का साइज मंजूर हुआ छोटा कर दिया बड़ा
दिल्ली : फर्जीवाड़े की खबर दिखने वाले ही जब फर्जीवाड़ा करने लगे तो आप किस पर यकीन करेगें? आज हम आपको दिल्ली के शास्त्री नगर से प्रकाशित … एक फर्जी अप टू डेट के उस फर्जीवाड़े के बारे के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी जानकारी होना आपके लिए जरूरी है। मध्य दिल्ली से प्रकाशित होने वाले एक फर्जी अप टू डेट (काल्पनिक नाम) ने अपने अखबार को भारत के समाचार पत्रों के पंजीयन अधिकारी के यहाँ छोटे साइज मतलब टेबुलेट साइज में पंजीकृत कराया था। और इसी आधार पर भारत सरकार के davp विभाग में सरकारी विज्ञापनों के लिए पंजीकृत भी करा लिया। लेकिन इसने कुछ सालों के बाद अपनी खोती साख को बचाने और लोगो को भृमित करने के लिए अपने अखबार को छोटे साइज से बड़ा साइज कर दिया। जो की पी आर बी एक्ट का उलंधन है। अखबार में किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए सक्षम प्रधिकारी के पास जाकर एक घोषणा पत्र भरना होता उसके बाद पंजीयन अधिकारी के कार्यालय से उसका परिवर्तन स्वीकृत होता। मतलब साफ है की अखबार का यही साइज़ भारत सरकार के davp विभाग में भी दिया जाता है। और प्रतिवर्ष एक वार्षिक रिपोर्ट भी दाखिल करनी होती है जिसमे अखबार के पूरे विवरण के साथ उसके साइज का भी उल्लेख करना जरूरी होता है। अब बात करते है इसके सर्कुलेसन यानी प्रसार की इसने davp में अपने अखबार का प्रसार 21 हज़ार 200 कॉपी दिखा रखा है। इसका मतलब यह हुआ की यह 21 हज़ार 200 कॉपी के हिसाब से सरकार से विज्ञापन का शुल्क बसुलता हैं। अब यह शास्त्री नगर के लोग अच्छे से जानते है कि 21 हज़ार 200 कॉपी शास्त्री नगर के हर दूसरे नागरिक के हाथ में एक कॉपी होना है। जबकि शास्त्री नगर में यह अखबार नज़र ही नहीं आता। यह सीधा सीधा 420 का मामला बनता है। और davp सहित RNI को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए।