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नए मंडलों में सबसे ज्यादा निष्क्रिय मंडल साबित हो रहा भाजपा का शास्त्री नगर मंडल

नए मंडलों में सबसे ज्यादा निष्क्रिय मंडल साबित हो रहा भाजपा का शास्त्री नगर मंडल
टाइगर कमांड
दिल्ली : एमसीडी के आने वाले चुनावों को लेकर जहां सियासत सर्दी में गर्म हो चली तो वहीं दूसरी ओर एमसीडी को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी ने अपने अपने मोर्चे खोल दिए है।भाजपा जहां निगम के 13 हज़ार करोड़ बकाए रुपयों को लेकर केजरीवाल सरकार पर हमलावर है तो वहीं केजरीवाल सरकार ने उल्टा निगम पर ही 2500 करोड़ के घोटाले का उल्टा आरोप लगा दिया है। अब जब एमसीडी को लेकर भाजपा और आप आमने सामने आ चुकी है तो ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने सभी संगठनों को सक्रिय कर दिया है। अभी पिछले दिनों तीनों निगम के मेयर का केजरीवाल के घर पर धरना इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि भाजपा ने इस धरने को निगम के 13 हज़ार करोड़ रुपए से जोड़ा था। अब
भाजपा ने जहां घर घर जाकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की रूपरेखा तय की है। और वह इसको लेकर काम भी कर रही है। लेकिन भाजपा ने जिस रणनीति के तहत लेकर इस कार्यक्रम को बनाया है, उसका दारोमोदार भाजपा के जमीनी संगठनों से जुड़ा हुआ है। भले ही भाजापा के संगठन इसको लेकर संजीदा हो किन्तु कुछ मंडल ऐसे भी है जहां यह कार्यक्रम निष्क्रिय हो रहे है। भाजपा के जिला चांदनी चौक के शास्त्री नगर मंडल का भी यही हाल है, यह मंडल जेपी ग्रुप से प्रभावित है। यदि इस मंडल कि बात की जाए तो पिछले 5 महीनों में मंडल के किसी भी मोर्चे कि और से किसी भी प्रकार की सरगर्मी खास देखने को नहीं मिली है। वो भी तब जब भाजपा की प्रदेश मंत्री, जिले का महामंत्री इसी जगह के निवासी है।
युवा मोर्चा नज़र नहीं आता....
अब यदि इसी मंडल में बात करे मंडल युवा मोर्चा की तो इस नए मोर्चे का भी गठन हुए कई महीने बीत गए लेकिन युवा मोर्चा जैसा उत्साह कहीं भी देखने को नहीं मिला। पिछले युवा मोर्चे ने जहां अपनी काफी सक्रियता दिखाई थी। तो उसके मुकाबले यह युवा मोर्चा तो कुछ दम नहीं रख पा रहा।
ओबीसी मोर्चा फ्लॉप….
इसके इतर यहां का ओबीसी मोर्चा पूरी तरह से फ्लॉप नज़र आ रहा है। ओबीसी मोर्चा सिर्फ पोस्टर तक ही सिमट कर रह गया है।

वार्ड में सिर्फ दो प्रोग्राम हुए वो भी प्रदेश और जिले के सहयोग से…
अब बात करते है। यहां के मंडल के खुद के प्रोग्राम की मंडल को बने लगभग 6 महीने बीत गए लेकिन भाजपा के मंडल कि और से यहां कोई खास कार्यक्रम देखने को नहीं मिले। दो आंदोलन जरूर हुए लेकिन दोनों में प्रदेश और जिले कि सहभागिता रही। बीते दिनों उपवास में तो महज 10 कार्यकर्ता ही मंच पर नजर आए थे। मतलब जितनो के पोस्टर लगे थे उतने भी उपवास कार्यकर्म में मौजूद ही नहीं थे।

मास्क सेनेटाइजर वितरण भी नहीं हुआ….
गौरतलब पहलू तो यह रहा कि नए मंडल के किसी भी मोर्चे कि और से बीते 6 माह में एक बार भी मास्क सेनेटाइजर का वितरण भी नहीं हुआ जिसको लेकर पूर्व में जिस गति से भाजपा मंडल के मोर्चो ने काम किया वो पूरी तरह से बंद हो गया है।
निगम चुनावों में मंडल क्या दे पाएगा आप को चुनौती…
यह एक चिंता कि बात इस वार्ड में हो सकती है। इस समय यहां आप की पार्षद बबीता शर्मा है। पिछले चुनावों में एक निर्दलीय प्रत्याशी के खड़े होने की वजह से यह सीट भाजपा के पास आते आते रह गई थी। वहीं प्रत्याशी पति अब भाजपा के जिला मंत्री है इस नियुक्ति को लेकर भी यहां लोग अचंभे में है। कि जिस निर्दलीय प्रत्याशी के कारण भाजपा इस वार्ड को हार गई उसके ही पति को भाजपा ने जिला मंत्री बना दिया? दूसरा मंडल वार्ड में सक्रिय नजर आ ही नहीं रहा तो ऐसे में निगम को लेकर भाजपा का आप प्रत्याशी को चुनौती देने का प्लान कमजोर होता जा रहा है।

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