डीटीसी हुई डिजिटल,ऑनलाइन डीटीसी बस पास की डिजिटल डिलीवरी सुविधा’ का उद्घाटन
टाइगर कमांड
दिल्ली के परिवहन मंत्री, कैलाश गहलोत ने आज दिल्ली में सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों के यात्रियों के लिए ‘ऑनलाइन डीटीसी बस पास की डिजिटल डिलीवरी सुविधा’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर परिवहन आयुक्त सुश्री मनीषा सक्सेना, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के एमडी विजय कुमार बिधूड़ी और निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
‘ऑनलाइन डीटीसी बस पास की डिजिटल डिलीवरी सुविधा’ एक 24×7 परिचालित सेवा प्रणाली है जिसका इस्तेमाल डीटीसी और क्लस्टर बसों में सभी प्रकार के बस पास जारी करने के लिए किया जा सकता है। इस ऑनलाइन सुविधा के अंतर्गत भुगतान सभी डिजिटल माध्यमों से किया जा सकता है। ऑनलाइन बस पास हेतु इस सुविधा का इंटरफ़ेस काफी यूजर-फ्रेंडली है जिससे उपयोगकर्ताओं को बिना किसी व्यवधान के सरल प्रक्रिया द्वारा सभी प्रकार के बस पास उपलब्ध हो जातें हैं। इससे ग्राहकों के समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है। वहीं ऑपरेशनल मोर्चे पर, इस ऑनलाइन सुविधा द्वारा डीटीसी की इंफ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट एवं श्रमशक्ति पर पड़ने वाले बोझ को भी कम किया जा सकेगा।
डीटीसी के यात्री इस सुविधा का इस्तेमाल एसी और नॉन एसी बसों के लिए सभी सामान्य और रियायती पास प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। यात्री सभी प्रकार के पास जैसे बीपीएल / एपीएल वर्ग अंतर्गत पास , विकलांग नागरिक, वरिष्ठ नागरिक, छात्र पास, अन्य विशेष श्रेणियां जैसे स्वतंत्रता सेनानी, युद्ध विधवा, खिलाड़ी, प्रेस आदि पास प्राप्त कर सकतें हैं।
ऑनलाइन बस पास प्राप्त करने के लिए आवेदक URL: www.dtcpass.delhi.gov.in पर कहीं से भी आवेदन कर सकतें हैं।आवेदक को अपने क्रेडेंशियल्स जैसे नाम, पिता का नाम, और जन्म तिथि आदि को भरना होगा और पोर्टल पर फोटो अपलोड करना होगा। भुगतान डिजिटल माध्यमों जैसे डेबिट / क्रेडिट कार्ड / नेट बैंकिंग और BHIM UPI के माध्यम से किया जा सकता है। सामान्य बस पास आवेदन जमा करने के तुरंत बाद डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा वहीं रियायती पास सत्यापन के बाद आवेदक के पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर अगले कार्य दिवस के भीतर भेज दिया जाएगा। भुगतान और डिस्पैच डिटेल्स आदि की पुष्टि के लिए आवेदक को एसएमएस और ईमेल भेजा जाएगा। डीटीसी बस पास को रद्द करने के लिए, आवेदक को मूल बस पास डीटीसी के किसी भी पास सेक्शन में वापस करना होगा। रिफंड राशि सीधे आवेदक के बैंक खाते में चली जाएगी।