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पप्पू यादव के गठबंधन में शामिल हुई ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट

नीतीश राज्य में बिहार बना फिसड्डी इस बार जाना तय : आसिफ
– 73 साल बाद आज भी बिहार गांवों का ही राज्य  : आसिफ
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की उपस्थिति में आज ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट भी बिहार यूनिट प्रगतिशील डेमोक्रेटिक अलायंस यानी पीडीए (PDA) में शामिल हुई। पप्पू यादव पीडीए के संयोजक हैं। इस अवसर पर ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस एम आसिफ ने कहा है। कि
आंकड़ों के आईने में देखा जाए तो सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार ने विकास के क्षेत्र में विगत 10 वर्षों में कोई काम नहीं किया है।आजादी के 73 साल बाद आज भी बिहार गांवों का ही राज्य है। देश में मात्र 38 फीसदी हिस्से का ही शहरीकरण हुआ है पर बिहार में यह औसत सिर्फ 11 फीसदी है। इतने कम यानी इन 11 फीसदी शहरी हिस्से में भी स्वच्छता का आलम यह है कि ताजा राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे गंदा शहर राजधानी पटना को घोषित किया गया है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले 10 सबसे गंदे शहरों में छह बिहार के ही हैं।
बिहार में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली आबादी 34 फीसदी है। देश के 23 राज्यों की स्थिति इस मामले में बिहार से बेहतर है। बड़े राज्यों में बिहार से नीचे सिर्फ झारखंड और छत्तीसगढ़ हैं। बिहार में प्रति व्यक्ति औसत आय 3,650 रुपए महीना है, जबकि देश का राष्ट्रीय औसत इसके तीन गुने से ज्यादा 11,625 रुपए महीना है। साक्षरता के क्षेत्र में बिहार देश का दूसरा सबसे पिछड़ा राज्य है, जहां 30 फीसदी लोग अब भी निरक्षर हैं। महिलाओं में निरक्षरता का औसत लगभग 50 प्रतिशत है।
शिक्षा पर खर्च के मामले में बिहार देश के सबसे पिछड़े राज्यों में से है। स्कूलों में 2 लाख से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। अधिकांश शिक्षक ठेके पर रखे गए और ठेके पर रखे गए शिक्षकों ने अपने नीचे ठेके पर दूसरे शिक्षकों को रख लिया है। बिहार में स्वास्थ्य सेवा राम भरोसे है। बिहार में एक हजार की आबादी पर 0.66 बेड यानी एक हजार की आबादी पर आधे से थोड़ा ज्यादा बेड्स हैं। बिहार में 28 हजार की आबादी पर एक डॉक्टर है जबकि देश में औसत एक हजार लोगों पर सात डॉक्टर हैं। विकास की कसौटी पर यदि कसें तो सभी फ्रंट पर बिहार सबसे पिछड़ा है। बिहार में सड़क निर्माण पर प्रति व्यक्ति खर्च 44.60 रुपए है, जबकि राष्ट्रीय औसत 117.80 रुपए है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण पर बिहार में प्रति व्यक्ति खर्च 104.40 रुपए है, जबकि राष्ट्रीय औसत 199.20 रुपए का है। देश में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 12 सौ किलोवाट की। इस पर आसिफ ने कहा है। कि अब आखिर किस मुंह से नीतीश कुमार बिहार की जनता से वोट मांगेंगे उन्होंने कहा कि अब बिहार के लोगों को प्रगतिशील डेमोक्रेटिक अलायंस यानी पीडीए (PDA)  एक मजबूत और विकास्मुखी सरकार दे सकता है।

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