– योगेश भारद्वाज(टाइगर कमांड)
दिल्ली में अब दिव्यंगो को अपने प्रमाण पत्र के लिए भटकने की जरुरत नहीं होगी। इसके लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली के 11 अस्पतालों को इसके लिए अधिकृत कर दिया है। क्योंकि अब दिल्ली में रहने वाले दिव्यांग जन अब राजधानी के 11 अस्पतालों से अपना दिव्यांग प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। दिल्ली सरकार ने इस संबंध में नियमों में बदलाव कर दिया है। दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने आज यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि इस निर्णय के माध्यम से दिल्ली के दिव्यांगजनों के लिए अस्पतालों की पहुंच को सुगम बनाया गया है। इन 11 अस्पतालों के अधिकार क्षेत्र में पूरी राजधानी होगी, जो किसी एक जिले तक सीमित न होकर दिल्ली के किसी भी भाग में रहने वाले आवेदक का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने में सक्षम होंगे।
इससे पहले, आवेदक को राजधानी के हर जिले में इस कार्य के लिए निर्दिष्ट अस्पतालों के माध्यम से ही आवेदन करना होता था। पहले के अस्पताल, नए अस्पतालों के साथ दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान करने की सेवाओं प्रदान करते रहेंगे।दिव्यांग प्रमाण पत्र देने के कार्य के विकेंद्रीकरण से राजधानी के दिव्यांग जन, इनमें से किसी भी एक अस्पताल से दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
सरकार के आदेश के अनुसार, अब दिल्ली के 11 अस्पताल दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं।
ये अस्पताल जारी करेगे प्रमाण पत्र
दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, हिंदू राव अस्पताल, बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, गोबिंद बल्लभ पंत अस्पताल, मानव व्यवहार संस्थान और संबद्ध विज्ञान संस्थान, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग अस्पताल, एम्स और लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल ।
स्वास्थ्य सेवा महा निदेशालय के आदेश के अनुसार, यह अस्पताल दिल्ली में रहने वाले दिव्यांग जनों को, चाहे वे किसी भी जिले में निवास करते हो, दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी कर सकते हैं।इससे पहले, अस्पतालों को आवेदकों के लिए अलग से एक पंक्ति और खिड़की (काउंटर) उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया था। अस्पतालों को हर महीने जारी किए गए दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की संख्या, आवेदन की तारीख और प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि समेत सभी विवरण की जानकारी समाज कल्याण विभाग के निदेशक को उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया था।