– शास्त्री नगर में फिर डीकंटेनमेंट होने की अफवाह
नईदिल्ली- मध्य दिल्ली कोरोना संक्रमण के मामलो में। अब भी 11 जिलों की लिस्ट में टॉप 5 में बना हुआ है। दिल्ली में सबसे ज्यादा कंटेनमेंट एरिया साउथ वेस्ट दिल्ली में हे जहां 101 कंटेनमेंट ज़ोन है जबकि दूसरे स्थान पर वेस्ट जिला हे जहां 97 कंटेनमेंट ज़ोन बने हुए है। मध्य दिल्ली की बात करे तो यहां सद र बाज़ार,शक्तिनगर,प्रताप नगर सहित शास्त्री नगर के तीन ब्लॉक कंटेनमेंट ज़ोन बने हुए है। शास्त्री नगर को 19 जून को कंटेनमेंट ज़ोन बनाया गया था।जिसको आज 23 दिन पूरे हो चुके है जबकि यहां कई बार अफवाह फैली की शास्त्री नगर के कंटेनमेंट ज़ोन के सभी रास्ते खोल दिए गए है। तो कल ये अफवाह फैली की शास्त्री नगर में कोरोना कंट्रोल में हे आने वाले शनिवार को शास्त्री नगर को डीकंटेनमेंट कर दिया जाएगा।लेकिन हम एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते आपको बताना चाहते है कि आप किसी भी यू ट्यूबर की बातो में ना आए।क्योंकि शास्त्री नगर के पास ही बापा नगर को पिछले लंबे अरसे से उसके कई एरिया कंटेनमेंट ज़ोन में हे लेकिन केस आने के कारण वहां अब भी कई एरिया कंटेनमेंट ज़ोन है। ये बात अलग है कि शास्त्री नगर में कोरोना कंट्रोल में हे,किन्तु शास्त्री नगर में। अब भी संक्रमण के मामले पाए जा रहे है।
हालात यह है कि ये केस कहां बढ़ रहे हैं, इसकी जानकारी भी दिल्ली सरकार, जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे हैं। हमने कई डीएम से इस मामले में बात की। किसी ने ऑन रिकार्ड नहीं बताया एक एडीएम ने यह जरूर कहना कि उनके जिला में पुलिस व सशस्त्र बल और मेडिकल स्टाफ के मामले ज्यादा आ रहे हैं। जो एक कैंपस में रहते हैं। वो अपने आप में कंटेनमेंट होता है। इसलिए कोई नया आदेश जारी नहीं कर रहे हैं। बाकी हिस्से में नई जगह 3 या उससे अधिक नए केस नहीं आए हैं। एक डीएम ने कहा कि सवाल वाजिब है लेकिन इसका जबाव सरकार या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दे पाएंगे। दिल्ली की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. नूतन मुंडेजा ने स्वीकार किया कि अब 3 केस आने पर कंटेनमेंट जोन नहीं बना रहे हैं बल्कि 10 केस आने पर बनाएंगे। हालांकि ये भी कहा कि कंटेनमेंट जोन की हमने अभी परिभाषा नहीं बदली है। कुछ अफसर ने हमें ऑफ रिकॉर्ड बताया की हमने कंटेनमेंट जोन की परिभाषा नहीं बदली लेकिन अब 10 केस वाला मानक अपनाएंगे
जब कोई महामारी तेजी से बढ़ रही है तो नियम भी उसी तरह बदलता है। लॉकडाउन 5 में लोगों को जरूरी काम से जाना भी होता है। ऐसे में केंद्र सरकार की परिभाषा कंटेनमेंट जोन के लिए एक जगह 10 केस या दो मौत होने की है। दिल्ली में 3 केस आने का नियम बनाकर कंटेनमेंट जोन बनाना शुरू किया। अब पूरी दिल्ली ही रेड जोन में है। ऐसा लग रहा है कि सब जगह फैला हुआ है। कंटेनमेंट जोन दो तरह के लोगों को मिलने से रोकने के लिए बनता है। जब एक जैसे लोग हैं तो फिर कंटेनमेंट क्यों। अब बीमारी बिना लक्षण के भी आ रहे हैं। हमने कंटनेमेंट जोन की परिभाषा नहीं बदली लेकिन बड़ा क्राइटेरिया जो 10 केस या दो मौत का केंद्र सरकार का है, उसी हिसाब से कंटेनमेंट जोन बनाएंगे।