दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने राजधानी में कोविड महामारी के मद्देनजर अलीपुर स्थित फुलबारी बाल गृह (प्रथम), आशियाना बाल गृह (द्वितीय), आफ्टर केयर होम फॉर ब्वॉयज का दौरा किया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली सरकार के कोविड-19 महामारी को लेकर जारी दिशा-निर्देशों की पालन कराए जाने की समीक्षा भी की। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को देखते हुए सरकारी बाल गृह परिसरों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जा रहा है। यहां मुख्य द्वार पर आने वाले हर आगंतुक को जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, बाहर से आने वाले व्यक्ति के शरीर का तापमान भी मापा जा रहा है। बाल गृह के प्रवेश द्वार पर उपयोग के लिए सेनेटाइजेशन की एक मशीन भी लगाई गई है।
श्री राजेंद्र पाल गौतम ने अपने दौरे में यहां पर देश के दूसरे राज्यों में बच्चों के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए किए सुरक्षात्मक उपायों की भी जांच की। इस दौरे का मुख्य उदेश्य यहां रहने वाले बच्चों को उपलब्ध सुरक्षित वातावरण की जांच करना भी था, ताकि किसी भी बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना न हो। बाल संरक्षण सेवा योजना का उद्देश्य कठिन परिस्थितियों के शिकार बच्चों के कल्याण और ऐसी परिस्थितियों व कार्रवाइयों के प्रति उनकी असुरक्षा की भावना को दूर करना है, जिनसे बच्चों के दुरुप्रयोग, उपेक्षा, शोषण, परित्याग और माता-पिता से अलगाव का मार्ग प्रशस्त होता है। इस योजना का उदेश्य बाल यौन दुरुप्रयोग सहित किसी प्रकार के बाल दुरुप्रयोग से सभी बच्चों को बचाने के उपायों एवं तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग इन बाल गृहों का संचालन कर रहा है। इन बाल गृहों में 6-12 और 12-18 आयु वर्ग के अनाथ-असहाय बच्चों को रखा जाता है। जहां इन बच्चों को सरकार की ओर से निशुल्क आवासीय व्यवस्था, चिकित्सीय देखभाल, स्कूली शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जाती है। इनमें ‘फुलबारी’ में 200, ‘आशियाना’ में 100 और ‘आफ्टर केयर होम फॉर ब्वॉयज’ में 15 बच्चों के रहने की व्यवस्था है। यहां पर अभी क्रमशः 69, 45 और 11 बच्चे (कुल मिलाकर 125) रह रहे हैं।
दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री ने अपने दौरे में पाया कि महिला एवं बाल विकास विभाग का बाल गृह प्रशासन यहां रहने वाले बच्चों की अच्छे से देखभाल कर रहा है। जहां इन बच्चों को सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम का नाश्ता और रात का भोजन दिया जाता है। इन्हें नाश्ते और भोजन में फल, दूध, चाय बिस्किट, मट्ठी, ब्रेड पकौड़ा, सब्जी, दाल, चावल, चपाती और पूड़ी दी जाती हैं। इस दौरान बाल गृह में बच्चों के लिए बना रहे भोजन की भी जांच की गई, जिसे आम घरों में बनने वाले भोजन के अनुरूप पाया गया।